इलाज के दौरान विचाराधीन बंदी की मौत, एक साल से जेल में था बंद

मंडल कारा गुमला में बंद विचाराधीन बंदी 80 वर्षीय अली मोहम्मद का बीते गुरुवार को इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गई। अली मोहम्मद मूल रूप से पालकोट प्रखंड के खूंटी टोली गांव का रहने वाला था। उसकी मौत की सूचना के बाद शुक्रवार को उसके परिजन सदर अस्पताल पहुंचे थे। बताया जाता है कि वर्ष 2018 में अली मोहम्मद पर उसकी पत्नी ने गुमला थाना में लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज कराया था। इसके बाद से अली मोहम्मद फरार चल रहा था। पुलिस को लंबे अरसे से उसकी तलाश थी। 9 अक्टूबर 2018 को पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली। पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से वह जेल में बंद था। 


छह महीने से चल रहा था बीमार
इधर, हाल के 6 माह से वह काफी बीमार चल रहा था। जेल प्रशासन द्वारा बेहतर इलाज के लिए उसे कई बार रांची रिम्स व सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मगर उसकी तबीयत में कुछ भी सुधार नही हो पा रहा था। गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे अचानक उसकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। जेल के कंपाउंडर द्वारा उसे तुरंत सदर अस्पताल भेजा गया। त्वरित उसे पुलिस संरक्षण में इलाज के लिए सदर अस्पताल गुमला में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान कुछ ही देर बाद 12:20 बजे उसकी मौत हो गई।


मेडिकॉल बोर्ड ने की पोस्टमार्टम
मृत बंदी अली मोहम्मद के शव को पोस्टमार्टम के बाद सभी कागजी कार्रवाई कर जेल प्रशासन द्वारा परिजनों को सौप दिया गया। इसके पूर्व पोस्टमार्टम की प्रकिर्या सीएस द्वारा गठित तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड द्वारा वीडियो ग्राफी के साथ किया गया। बोर्ड में डॉक्टर बाल कृष्णा महतो, डॉक्टर सुचान मुंडा व डॉक्टर अजय कुमार भगत शामिल थे। जबकि कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में विभूति मंडल उपस्थित थे।